भाजपा पहले चण्डीगढ़ के लोगों से क्षमा मांगे, फिर वोट मांगेः पवन खेड़ा

भाजपा पहले चण्डीगढ़ के लोगों से क्षमा मांगे, फिर वोट मांगेः पवन खेड़ा

भाजपा पहले  चण्डीगढ़ के लोगों से क्षमा मांगे

भाजपा पहले चण्डीगढ़ के लोगों से क्षमा मांगे, फिर वोट मांगेः पवन खेड़ा

चण्डीगढ़, 17 दिसम्बरः ‘चण्डीगढ़ के लोगों ने गत नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को चुना था, बदले में नगर निवासियों मोटे-मोटे बिल, प्रदूषण, दूषित जल मिला तथा साथ में वह पार्टी इस सुन्दर शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण के मामले में नं. 1 से नीचे गिरा कर 66वें पायदान पर ले आई है। ’ 

यह बात आज शुक्रवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां सैक्टर 35 स्थित कांग्रेस भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कह। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को पहले चण्डीगढ़ के लोगों से अपने गत छः वर्षों के  विफलता  हेतु क्षमा मांगनी चाहिए, फिर तभी आने वाले चुनावों हेतु वोट मांगने चाहिएं।

पवन खेड़ा ने कहा,‘अब इस सुन्दर शहर चण्डीगढ़ की हालत बद से बदतर हो गई है। नगर की सड़कों की हालत कभी इतनी ख़राब नहीं हुई, जितनी कि अब है। कचरे के ढेर इतने ऊंचे पर्वत जैसे होने लगे हैं कि कहीं इन पर कभी बर्फ़ ही न पड़ने लगे।’

यह शहर कभी सफ़ाई के मामले में अग्रणी था परन्तु अब यह कोई दूर का सपना जान पड़ता है। टैक्स बहुत अधिक बढ़ा दिए गए हैं तथा जन कल्याण का एजेण्डा कहीं पीछे चला गया है।

 भाजपा ने आम लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है और अपनी मनमर्ज़ी से इस अद्भुत नगर का चेहरा-मोहरा ही बिगाड़ कर रख दिया है - जबकि कभी यह सुन्दर शहर अपनी मिसाल आप हुआ करता था।

पवन खेड़ा ने यह भी कहा,“विडंबना यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेता विभिन्न राज्यों के सीएम के साथ शहर में प्रचार कर रहे हैं और लोगों से वोट देने और भाजपा को समर्थन देने के लिए कह रहे हैं। यह किस तरह का सर्कस चल रहा है? अगर भाजपा लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरी होती, तो पार्टी को इतने बड़े दल-बल की आवश्यकता नहीं होती। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, जिनके नेतृत्व में भाजपा पार्टी को हाल ही में राज्य में उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा था, अब चंडीगढ़ आ गए हैं, इसलिए यहां भी भाजपा को हार का ही मुंह देखना पड़ेगा। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री जिन्हें भाजपा ने स्वयं ही हटा दिया था, वे भी शहर में प्रचार कर रहे हैं।

पवन खेड़ा ने यह भी कहा,“वास्तव में, भाजपा को आम जनता की जरूरतों की परवाह ही नहीं है, उसे केवल इस बात की चिंता है कि किसी भी ढंग से अपनी जीत हासिल की जाए। लेकिन हाल के उपचुनावों में उसकी हार को देखते हुए केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ईंधन की कीमतें कम कर दीं। उन्होंने अब 3 कृषि काले कानूनों को वापस ले लिया है, जिस पर हमने एक साल के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैठे लाखों किसानों का दुनिया का सबसे बड़ा विरोध देखा, विरोध के दौरान 700 से अधिक लोग मारे गए, लेकिन प्रधान मंत्री मोदी बेफिक्र रहे। केवल एक चीज जिससे भाजपा चिंतित है, वह है चुनावों में हार का डर। हम चंडीगढ़ के लोगों को किसानों के विरोध में उनके समर्थन के लिए सलाम करते हैं। 

उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा कि, भाजपा केवल ‘फूट डालो और राज करो’ की राजनीति के बारे में जानते हैं, वे लोगों को धार्मिक मुद्दों में व्यस्त रखेंगे, ताकि लोग नागरिक सुविधाओं के बारे में न पूछें जो वास्तव में आम लोगों के लिए हैं।

उन्होंने कहा, मुद्दों को विवाद से नहीं बल्कि बातचीत से सुलझाया जा सकता है।

कोविड महामारी के समय में भी, भाजपा ने कुछ नहीं किया, लेकिन लोगों को सड़कों पर और बिना ऑक्सीजन के मरने दिया। एनडीए, जिसे हम आम तौर पर इसे ‘नो डेटा अवेलेबल’ कहते हैं, ने महामारी से पीड़ित जनता को कोई मुआवजा नहीं दिया। विडंबना यह है कि चंडीगढ़ भाजपा शासित नगर निगम, संपत्ति कर, पानी के शुल्क आदि को कम करने या माफ करने के बजाय, टैक्सों को कई गुना बढ़ा दिया है। पवन खेड़ा ने कहा कि कोविड  सेस  और गाय  सेस   के नाम पर इतने अधिक कर लगाए गए । जबकि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस राष्ट्रीय आपदा अधिनियम के तहत कोविड से मरने वालों के लिए 4 लाख मुआवजे पर जोर दे रही है।

जैसा कि हमने समाचारों में पढ़ा कि कल भाजपा के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी उर्फ ‘रिंकिया के पापा’ ने मांग की कि उन्हें गाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। इसी तरह नरेंद्र मोदी केवल भाषण दे सकते हैं और झूठे वादे कर सकते हैं। यह केवल कांग्रेस पार्टी है जो देश को अपने देशवासियों के कल्याण के लिए चलाना जानती है। उन्होंने कहा कि अतीत में हमने जन-कल्याण सफलतापूर्वक किया और भविष्य में भी हम करेंगे।

चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चावला ने कहा कि नगर के लोगों ने इस नगर निगम चुनाव में भाजपा को नकारने का मन बना लिया है, जैसा कि पार्टी के बड़े नेताओं की रैलियों में कम भीड़ से देखा जा सकता है। कल सेक्टर 22 में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की रैली का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि 200  के  बैठने की क्षमता वाली जगह पर भी कार्यक्रम स्थल से आधी खाली कुर्सियों को हटाना पड़ा था।

उन्होंने एमसी में कांग्रेस के 14 साल के शासन बनाम बीजेपी के 6 साल पर बहस के लिए अरुण सूद को चुनौती दी। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि वह एक-एक मुद्दे पर उनसे कभी भी बहस कर सकते हैं और मीडिया उस बहस को लाइव दिखाए।